बस (अब बस)!
ये शब्द के साथ कितनी सारी बातें और यादें जुडी हुई होती है , मध्यमवर्गीय लोगो के लिए परिवहन का सबसे बढ़िया और सस्ता साधन होती है.... भारत जैसे देशो के लिए रेल और बस गाँव ओर शहरों को जोड़ने का काम करती है...
मैंने कहीं लोगो को ये कहते सुना है की उनके गाँव तक सिर्फ स्टेट ट्रांसपोर्टेशन की बस ही जाती है... सोचो कितने सारे रिश्तो को संजोने का काम ये बस करती है... अपने से बिछड़े लोगो को मिलाती है.. शहर मैं काम करते या पढ़ते युवा को पूछो एक बस क्या होती है उनके लिए.... घर जाना हो और बस स्टैंड पे खड़े हो और बस को आते ही देखकर जो खुशी महसूस होती है या फिर घर से लौटते समय वो बस की खिड़की ही रोने का या सोने का सहारा बनती है.. बस की एहमियत वो सरहद पे लड़ते जवान की पत्नी पूछो , वो बस का इन्तजार कितना अलग है....
रंगबेरंगी बस कितनी सुहानी लगती है और ओर हमे मिनिट लगता उसको जलाने मैं.... कोई भी बात हो या झगड़ा हो हमे बस तुरंत याद आती है.... पता नहीं, ना जाने क्यों बस जलाना ही हमारी हर समस्या का इलाज होता है... !!??
भारत का भाग्य ही अजीब है , जब शांति के लिए बस चलाई तो सामने से गोली आई ओर जब सुविधा के लिये बस चलाई तो लोगों ने मिलके बस जलाई !!!!
बस की हालत देखकर हमे लगता है , क्यों हमारी बस की हालत ऐसी है ? क्यों हमे अच्छे बस कोच नहीं मिलते ?? ये जवाब जहाँ कोई दंगे या तूफान हो वहां के कोई भी न्यूज़ मैं मिल जाएगा
काश ! बस बोल पाती, तो बस यही कहती..... अब बस हुआ !!!
इन्ही विचारो को पंक्ति स्वरूप :
मेरे एक विदेशी मित्र भारत घूमने आये है , क्यूंकि भारतीय संस्कृति उन्हें बड़ी पसंद आती है
शहर के मुख्य आकर्षण एवं भारतीय खाना और मेहमान नवाजी उनके मन को बड़ा लुभाती है
घूमने के दौरान स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस को देखकर अतिथि की आँखे खुली की खुली रह जाती है ,
अचंबित होकर बोलते है , कैसी ये बस है!!?? ये ऐसे कैसे चल पाती है ??
विदेशी मित्र की बात सुनके मैंने कहाँ , बात तो सही है, फिर भी ये दिलको भाति है ,
क्यों की खाली जेब मैं आम हिन्दुस्तानी को यही बस सस्ता सफर दिलाती है
बात उसने आगे चलाई , ना गति , ना परफॉरमेंस , इतना सारा धुंआ निकालके ये पर्यावरण को बिगाड़ती है
ये बस चलती कम और रूकती ज्यादा है, खड़े होकर सफर करने पे चलने से ज्यादा ये थकाती है
ये बस ना जाने कितना मेन्टेन्स मांगती है और ईंधन तो जी भर भर के ये खाती है
मेरे भारतीय मित्र, समजो इस बात को ये फायदा कम और नुकशान ज्यादा करवाती है
इतना सुनके मैंने कहा , सही कह रहे हो चलाने पे ये बस सिर्फ दिक्कते बढ़ाती है
पर हम हिंदुस्तानी घाटे का सौदा नहीं करते , क्यूंकि हमे बस चलाने से ज्यादा जलाने पे फायदा करवाती है
मेरी बात के बाद मित्र के पास ना कोई सवाल , ना कोई चर्च बच पाती है
उसे भी समज मैं आ जाता है सरकार स्टेट ट्रांसपोर्टेशन की बस क्यों ऐसे ही चलाती है